राज्य पुनर्गठन आयोग

                                                   राज्य पुनर्गठन आयोग  
29  दिसम्बर 1953 में भारत सरकार ने भाषा तथा  संस्क्रति के आधार पर राज्यों को  पुनर्गठन करने हेतु सैयद फजल अली के सभापतित्व में एक आयोग का गठन किया | इसलिए यह आयोग फजल अली  आयोग भी कहलाता है | इस आयोग ने सन १९५६ मव अपनी रिपोट प्र्सुत्त की | इस रिपोट में राज्य के  पुनर्गठन को कोई महत्व नहीं दिया गया |पुनर्गठन आयोग की रिपोट से हरियाणा और पंजाब दोनों को ही निराशा हुई | सन  १९५६ में क्षेत्रीय योजना लागु की गई जो इस प्रकार थी ----- 


  1. पंजाब राज्य को द्विभाषी घोषित किया अब हिंदी और पंजाब राज्य की सरकारी भाषाऐ मान ली गयी |  
  2. राज्य को दो क्षेत्रों में बाँट दिया गया - पंजाबी  क्षेत्र और हिंदी क्षेत्र | 
  3. दोनों क्षेत्रों में जिला और उसके निचे के क्षेत्र के भिन्न -भिन्न  छोटे -छोटे इलाको की अपनी भाषा तय हुई |
  4. हर क्षेत्र की वावस्था के लिए एक क्षेत्रीय  कमेटी रखी जो की उस क्षेत्र के विधयोको से बनेगी प्रत्येक क्षेत्र के विषय में कानून बनाने से पहले क्षेत्रीय कमेटी की सलाह लेनी जरूरी कर दिया गया | 
  5.  दोनों  क्षेत्रों की साँझी  विधानसभा और सांझा गवर्नर होना तय हुआ | प्रतेक क्षेत्र की अल्पसंख्यक जातियों की पूरी सुरक्षा की वावस्था का आशवसन  दिया गया | 
  6. केंद्रसरकार  ने दोनों भाषाऔ की उन्ती के लिए सहयोग करने का आशवसन  दिया | उपरोक्त फ़ार्मूले आते ही पंजाब सरकार ने तुरंत एक छह सदसीय कमेटी बनाई जिसका काम राज्य को दो  क्षेत्रों  में बाटना था | कमेटी ने भाषीय आधर पर हिंदी और पंजाबी क्षेत्रों  को परिभाषित|

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ