हरियाणा के ऋषि मुनि

                          अवतार
  • वराह [ वराह विष्णु का अवतार है  जिन्होंने समुद्र में मग्न पृथ्वी का उदार किया था । और हिरण्यकश्यप के बड़े भाई हिरण्याक्ष राक्षस का वध किया था । जींद के निकट वराह वन तथा वराह कला गांव में वराह तीर्थ है । लोगों की धारण है कि भगवान वराह लेकर यही प्रकट हुए थे । वराह जयंती माघ शुक्ल दशमी को मनाई है । 

  • नरसिंह [ हिरण्यकशिपु का उदार करने के लिए भगवान ने नरसिंह अवतार धारण किया और भक्त प्रहलाद की रक्षा की । हरियाणा में जींद निकट वराह वन में स्रवण महीने में नरसिंह की पूजा करते है । नरसिंह जयन्ती वैशाख शुल्क चतुर्दशी को मनाई जाती है । 

  • परशुराम [  वैशाल शक्ल तृतीय के दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है । तीर्थ ( थानेसर - कुरुक्षेत्र ) में परशुराम के माता - पिता की पूजा की जाती है । पिंडारा से तीन मील दूर परशुराम के पिता जन्मदिन ऋषि की पपोभूमि है । भगवान परशुराम ने रामरा में अनेक यज्ञ किये । इन स्थानों पर मेलों का नियमित आयोजन होता है । 

  • श्रीकृष्ण [ भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भादों मो अष्टमी को मनाई जाती है । भादों शुक्ल एकादशी को फिरोजपुर झिरका शहर में जल झोलनी नाम से एक मेला लगता है जिसमे इनकी मूर्ति की शौभा यात्रा निकाली जाती है । भिडूकि पलवल में कृष्ण जी द्वारा गोपियों के साथ होली खेलने की पुण्य स्मृति में फुलदोल मेले का आयोजन कृष्ण प्रतिपदा को किया जाता है । इस समय फतेहपुर बिल्लोचपुरा बल्लभगढ़ में भेदों की अमावस्या को पँखा मेले का आयोजन होता है । इस अवसर पर मन्दिरो में पंखे चढ़ाए जाते है । तथा नाटकों का अभिन्य किया जाता है । हांसी में भादों बन्दी ( कृष्ण पक्ष ) दसवीं के दिन जगन्नाथपुरी मन्दिर नाम से एक मेला लगता हैं । जगन्नाथपुरी में पूजे जाने वाले जगन्नाथ श्रीकृष्ण ही है जो बलराम ओर सुभद्रा के साथ हैं । 

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