संत फतेह सिंह का व्रत
सन 1956 में संत फतेह सिंह ने पंजाबी सूबे की खातिर पुनः व्रत रखने का ऐलान कर दिया | इस बार उनका व्रत पहले से भिन्न था | अब यदि सरकार ने बात नहीं मानी तो 15 दिन बाद उनका जल मरने का प्रोग्राम था | पर तभी भारत -पाक युद्ध हो गया अंत : फतेह सिंह ने राष्ट्रीय संकट को देखते हुए अपना व्रत स्थगित कर दिया | भारत - पाक युद्ध के बाद , 10 अगस्त 1956 को संतजी ने अकाल तख्त के सामने व्रत को पुनह ऐलान किया | अब जल मरने की दिनाक 25 दिन बाद यानि 10 सितम्ब १९५६1965 रखी गई | इनके व्रत के संकल्प से पुन : चारो तरफ खलबली मच गयी |
सन 1956 में संत फतेह सिंह ने पंजाबी सूबे की खातिर पुनः व्रत रखने का ऐलान कर दिया | इस बार उनका व्रत पहले से भिन्न था | अब यदि सरकार ने बात नहीं मानी तो 15 दिन बाद उनका जल मरने का प्रोग्राम था | पर तभी भारत -पाक युद्ध हो गया अंत : फतेह सिंह ने राष्ट्रीय संकट को देखते हुए अपना व्रत स्थगित कर दिया | भारत - पाक युद्ध के बाद , 10 अगस्त 1956 को संतजी ने अकाल तख्त के सामने व्रत को पुनह ऐलान किया | अब जल मरने की दिनाक 25 दिन बाद यानि 10 सितम्ब १९५६1965 रखी गई | इनके व्रत के संकल्प से पुन : चारो तरफ खलबली मच गयी |
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