अच्छा स्रोता ही बेहतर लीडर
जब हम दूसरों की बात को सुनते नहीं तब हम समाधान नही होते है । हम सभी के लिए समस्याओं खड़ी करते है । समाधान बनने के लिए सुनने के लिए की आदत डाल लेंगे व।। आपको पास जो कुछ है , उस कोई लेने वाला नही हैं । अगर दूसरो को सुन लेंगे तो हमारा ज्ञान तो बढेगा ही हम समस्याओं का समाधान निकालने में भी सफल होंगे ।
अपने कान हमेशा खुले रखिए
वर्जिन ग्रुप के सीईओ रिचर्ड बर्न्स मानते है । कि एक अच्छा लीडर बनने के लिए अच्छा स्रोता बनना जरूरी है । अच्छे आइडिया हमेशा दूसरों को सुनने से मिलते है । दूसरों से मिल रही सलाह के लिए अपने कान हमेशा खुले रखिए । सुनने का मतलब है । चीजों को दूसरों के नजरिए से जानना व समझना । ईमानदारी के साथ को सही प्रयोग कीजिए । सकारात्मक विचार व जीवन मे इनोवेशन के लिए दूसरों का सुनने की आदत डालिए ।
डॉ, अशोक कुमार का कहना है ।
कुछ लोगों की आदत होती है जो दूसरों को सुनने नहीं है । कुछ भी कहे उनका ट्रफिक वन साइड होता है । उन्हें लगता है जो वो कहते है ,जो बोल रहे होते हैं वही सही होता है । दूसरो की सुनने की बजाए ,अपनी कहना यही उनके व्यक्तित्व की सबसे बड़ी खूबी होती है । आज हमारे जीवन मे टीवी , रेडियो, सोशल मीडिया इस तरह धुस आया है कि कई बार तो ऐसा लगता है । कि हम अब अपनी भी नही सुनते । हमने सुनना बन्द कर दिया है । कहा गया है कि इंसान को एक जुबान इसलिए दी है कि हम कम बोले , कान दो दिए ही कि ताकि हम ज्यादा से ज्यादा सुने । हमने कान बन्द कर लिए है, जुबान का जरूरत से अधिक प्रयोग कर रहे है । जब हम सुनते नहीं है तभी व्यकितत्व की नजरिए से कुछ कमियां पैदा होना शुरू हो जाती है । अपने सुनने की योग्यता जो बढ़ा सकते है । उनके बारे में हमे जागरूक होने की जरूरत नही है । इसे अभ्यास करने की जरूरत है । अपने सुनने के व्यवहार पर गौर करे । दूसरो को आप कैसे सुनने है घर , परिवार व दोस्तों की बातें आप कितना सुनते है । व कितना आपको याद रहती है । इस पर जरूर गौर कीजिए । समझने की योग्यता बढ़ेगी । जब हम यह लगता है। कि हम ही सही है । तब हम दूसरों का क्या , अपना नजरिया भी ठीक से नही समझ पाते । सुनने की आदत डालने से हमे दूसरो को समझने में मदद मिलेगी ।
दूसरो पर विश्वास करना सीखें
जब हम दूसरों पर भरोसा नही करते ।दूसरो को। हम इस तरह से देखते है ।कि कोई भी आपको साथ धोखा कर सकता है । इस नजरिए से जब हम दूसरों को देखते ही तभी किसी को सुनने है । दूसरों पर विश्वास करना सीखे । हर कोई आपको धोखा देने के लिए नही आया है । इतना ही नही जब आप दूसर लोगों पर विश्वास करने लगेंगे तो उन्हें ध्यान से सुनने भी लगेगें ।
जब हम दूसरों की बात को सुनते नहीं तब हम समाधान नही होते है । हम सभी के लिए समस्याओं खड़ी करते है । समाधान बनने के लिए सुनने के लिए की आदत डाल लेंगे व।। आपको पास जो कुछ है , उस कोई लेने वाला नही हैं । अगर दूसरो को सुन लेंगे तो हमारा ज्ञान तो बढेगा ही हम समस्याओं का समाधान निकालने में भी सफल होंगे ।
अपने कान हमेशा खुले रखिए
वर्जिन ग्रुप के सीईओ रिचर्ड बर्न्स मानते है । कि एक अच्छा लीडर बनने के लिए अच्छा स्रोता बनना जरूरी है । अच्छे आइडिया हमेशा दूसरों को सुनने से मिलते है । दूसरों से मिल रही सलाह के लिए अपने कान हमेशा खुले रखिए । सुनने का मतलब है । चीजों को दूसरों के नजरिए से जानना व समझना । ईमानदारी के साथ को सही प्रयोग कीजिए । सकारात्मक विचार व जीवन मे इनोवेशन के लिए दूसरों का सुनने की आदत डालिए ।
डॉ, अशोक कुमार का कहना है ।
कुछ लोगों की आदत होती है जो दूसरों को सुनने नहीं है । कुछ भी कहे उनका ट्रफिक वन साइड होता है । उन्हें लगता है जो वो कहते है ,जो बोल रहे होते हैं वही सही होता है । दूसरो की सुनने की बजाए ,अपनी कहना यही उनके व्यक्तित्व की सबसे बड़ी खूबी होती है । आज हमारे जीवन मे टीवी , रेडियो, सोशल मीडिया इस तरह धुस आया है कि कई बार तो ऐसा लगता है । कि हम अब अपनी भी नही सुनते । हमने सुनना बन्द कर दिया है । कहा गया है कि इंसान को एक जुबान इसलिए दी है कि हम कम बोले , कान दो दिए ही कि ताकि हम ज्यादा से ज्यादा सुने । हमने कान बन्द कर लिए है, जुबान का जरूरत से अधिक प्रयोग कर रहे है । जब हम सुनते नहीं है तभी व्यकितत्व की नजरिए से कुछ कमियां पैदा होना शुरू हो जाती है । अपने सुनने की योग्यता जो बढ़ा सकते है । उनके बारे में हमे जागरूक होने की जरूरत नही है । इसे अभ्यास करने की जरूरत है । अपने सुनने के व्यवहार पर गौर करे । दूसरो को आप कैसे सुनने है घर , परिवार व दोस्तों की बातें आप कितना सुनते है । व कितना आपको याद रहती है । इस पर जरूर गौर कीजिए । समझने की योग्यता बढ़ेगी । जब हम यह लगता है। कि हम ही सही है । तब हम दूसरों का क्या , अपना नजरिया भी ठीक से नही समझ पाते । सुनने की आदत डालने से हमे दूसरो को समझने में मदद मिलेगी ।
दूसरो पर विश्वास करना सीखें
जब हम दूसरों पर भरोसा नही करते ।दूसरो को। हम इस तरह से देखते है ।कि कोई भी आपको साथ धोखा कर सकता है । इस नजरिए से जब हम दूसरों को देखते ही तभी किसी को सुनने है । दूसरों पर विश्वास करना सीखे । हर कोई आपको धोखा देने के लिए नही आया है । इतना ही नही जब आप दूसर लोगों पर विश्वास करने लगेंगे तो उन्हें ध्यान से सुनने भी लगेगें ।
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