हरियाण में प्रसिद्ध ऋषि - मुनी
- त्रिदेव } ब्रह्मा विष्णु और महेश त्रिदेव् कहे जाते है । ये रज सत्व और तम गुणों के धोतक है। ये तीनो अन्योन्याश्रित है। हरियाणा में इन तीनों से सम्बंधित पवित्र स्थल है जहाँ उत्सव और मेले लगते है।
- ब्रह्मा } ब्रह्मा सृष्टि के रचयिता है। हरियाणा में ब्रह्मा से सम्बंधित कई स्थल है । कुरुक्षेत्र भूमि है ब्रह्म वेदी है । कुरुक्षेत्र में ही ब्रह्मसरोवर है । थानेसर शहर के निकट स्थित नाभि कमल तीर्थ में ही ब्रह्मा का जन्म नाभि - कमल से माना जाता है । यहाँ वर्ष भर मेले का वातावरण बना रहता है ।
- महेश } महेश के शिव स्थाणु आदि अनेक नाम है । हरियाणा में महेश से सम्बंधित कई स्थल है । थानेसर शहर में कई तीर्थ स्थल है । यहां शिव का प्राचीन मंदिर है । यहां स्थित सरोवर के कुछ जलबिंदुओ से महाराज वेन का कुष्ट नष्ट हो गया था । शिवरात्रि को वहाँ भारी मेला लगता है । लगभग प्रत्येक गांव में शिव मंदिर है । जहां शिवरात्रि पर भारी भीड़ जुटती है ।
- विष्णु } ईश्वर का विष्णु रूप ही सदा अवतार धारण करता है। जितने भी अवतार हुए है । वे विष्णु के अवतार माने जाते है । हरियाणा में इनसे सम्बंधित कई स्थल है विष्णु का निवास थानेसर शहर के निकट नाभि - कमल तीर्थ माना जाता है। यहां इनकी नाभि से ब्रह्मा की उत्प्प्ति हुई थी । इनकी स्मृति में यहा यहां मेला लगता है । विष्णु ने शेषनाग पर शयन किया था । शेषनाग लक्ष्मी नारायण का मेला भिडूकि ( पलवल ) में माघ एकादशी को लगता है ।
0 टिप्पणियाँ