हरियाणा के प्रसिद्ध लोकनृत्य
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तीज न्रत्य - श्रावण में तीज के त्योहार से पन्द्रह-सोलह
दिन पहले गांव की अधिकतर विवाहित लड़कियां अपने मायेक आ जाती है | वृक्षौ पे झूले
पड़ जाते है | लड़कियां दिन भर झुलती है और गीत गाती है , फिर रात्रि में कुवारी लडकीयाँ
और नव-विवाहित बहुए अपने-अपने मोहल्ले में इकटठी होकर नाचती और गाती है | सावन के
गीतों के साथ ही यह न्रत्य होता है |
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गूगा न्रत्य – यह गूगापीर की स्म्रति में गुगा नवमी से कुछ
दिन पूर्व निकली जाने वाली शोभा यात्रा के मोके पर किया जाने वाला एक परम्परागत न्रत्य
है | इसमें पांच मुख्य नर्तक शामिल होते है जिन्हें पंचवीर कहा जाता है गुगापीर की
पूजा हरियाणा में हिन्दू और मुस्लमान समान रूप से करते है | राखी के त्योहार में
गूगा न्रत्य किया जाता है | लोग छड़ी पर गेहू वस्त्र और पैसे चढाते है | इस छडी न्रत्य
को अधिकतर जोगी व जुलाहा जाती के लोग ही करते है|
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खोड़िया न्रत्य – यह न्रत्य महिलाओ द्वरा त्योहार और शादी के
अवसर पर किया जाता है | हरियाणा में महिलाऐ बारात में नहीं जाती है , इसलिए घर में
समय व्यतीत करने के लिए महिलाऐ इकटठी होकर खोड़िया न्रत्य करती रहती है जब तक कि
बाराती वधू को लेकर घर नहीं लोटते है |
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