हरियाणा राज्य का उदय
सबसे पहले सन १९२६ में आखिल भारतीय मुस्लिम लीग के दिल्ली अघिवेशन में स्वगत समिति के सद्र प्रिजादा मुहम्द हुसेन ने हरियाण क्षेत्र को पंजाब से कटकर दिल्ली में मिलाने की मांग उठाई थी |
सन १९२८ में जब दिल्ली में ही सर्वदल समेलन हुआ तो दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी लगबग यही मांग दोहराई और ३ वर्स बाद दूसरी गोलमेज कॉन्फ्रेंस में लदन में भी इस मांग की गूंज सुनाई पड़ी |
कोर्बेट ने बड़े ही स्पस्ट शब्दों में कहा अम्बला डिविजन (हरियाणा ) पंजाब के इतेफाक से ही मिला हुआ है | एतिहासिक दृष्टि से यह क्षेत्र पंजाब का नहीं वर्ण हिंदी भाषी क्षेत्र (हिन्दुस्तान) का भाग है | किसी भी सही ढंग से ली गई प्रान्तों के पुन : निर्माण की योजना में यह उचित होग की यह क्षेत्र| (अम्बाला डिविजन) पंजाब से काटा जाये | गॅाधी जी ने भी इस योजना को अपना आशिर्वाद दिया | ९ दिसंबर १९३२ को हरियाणा और दिल्ली के प्रसिद्धी राष्ट्रवादी नेता देस्बंदु गुप्त ने इस मांग को बल प्रधान किया |
सबसे पहले सन १९२६ में आखिल भारतीय मुस्लिम लीग के दिल्ली अघिवेशन में स्वगत समिति के सद्र प्रिजादा मुहम्द हुसेन ने हरियाण क्षेत्र को पंजाब से कटकर दिल्ली में मिलाने की मांग उठाई थी |
सन १९२८ में जब दिल्ली में ही सर्वदल समेलन हुआ तो दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी लगबग यही मांग दोहराई और ३ वर्स बाद दूसरी गोलमेज कॉन्फ्रेंस में लदन में भी इस मांग की गूंज सुनाई पड़ी |
कोर्बेट ने बड़े ही स्पस्ट शब्दों में कहा अम्बला डिविजन (हरियाणा ) पंजाब के इतेफाक से ही मिला हुआ है | एतिहासिक दृष्टि से यह क्षेत्र पंजाब का नहीं वर्ण हिंदी भाषी क्षेत्र (हिन्दुस्तान) का भाग है | किसी भी सही ढंग से ली गई प्रान्तों के पुन : निर्माण की योजना में यह उचित होग की यह क्षेत्र| (अम्बाला डिविजन) पंजाब से काटा जाये | गॅाधी जी ने भी इस योजना को अपना आशिर्वाद दिया | ९ दिसंबर १९३२ को हरियाणा और दिल्ली के प्रसिद्धी राष्ट्रवादी नेता देस्बंदु गुप्त ने इस मांग को बल प्रधान किया |
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