पंजाबी सूबे की मांग

                                                        पंजाबी सूबे की मांग 


  • अब तक पंजाबी सूबे की मांग नहीं खड़ी हुई थी पर सन 1948  में अचानक मास्टर तारासिंह ने अपने पत्र अजित में पंजाबी सूबे से भी एक कदम आगे शिख राज्य की  मांग की | क्मुनिस्ट पार्टी पेप्शु ने अकाली नेता की मांग का मखोल उड़ाते हुए पंजाबी सूबे की बात ऊठाई जो काफी लोगो को पसंद आई |      


                                                             सचर फार्मूला                           

  • पंजाबी और हिंदी  प्रान्तों के गठन की बात जब सुनी तो लोगो ने एक अन्य समस्या खड़ी कर दी | पंजाबी भाषी लोगो ने कहा की वे हिंदी नहीं पढेगे और ने ही प्रयोग में लायेगे | ऐसे ही हिंदी भाषी लोगो ने पंजाबी के विषय में कहा | सरकार ने इस समस्या का हल निकालने चुकी यह हल पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री भीमसेन सचर के दुवारा निकाला गया था अंत यह सचर फार्मूला के नाम से जाना जाने लगा |  



  • यह  सचर  फार्मूला के नाम जाना जाता है |  
  • सचर  फार्मूला 2 अक्टूबर 1949  को लागु हुआ | 
  • इस फार्मूला के अनुसार पंजाब को दो क्षेत्रौ में बाँटा गया | 

               1.  पंजाबी क्षेत्र .                    2 . हिंदी क्षेत्र .

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